मछली पालन का व्यापार कैसे शुरू करें

मछली पालन का व्यापार कैसे शुरू करें? Fish Farming Business Plan in Hindi.

मछली पालन का व्यापार कैसे शुरू करें दोस्तो वर्तमान में मछली का सेवन लोग न सिर्फ स्वादिष्ट होने के कारण करते हैं बल्कि इसके सेवन से अनेकों स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं इसलिए भी इसका सेवन बहुतायत मात्रा में किया जाता है। मछली को प्रोटीन का प्रमुख स्रोत के रूप में इस्तेमाल में लाया जाता है इसलिए इसकी बिक्री हर क्षेत्र चाहे ग्रामीण हो या शहर में लगातार होती रहती है।

 

मछली पालन का व्यापार कैसे शुरू करें

देखा जाय तो लोगों की मछली सम्बन्धी मांग स्थानीय स्तर पर उस क्षेत्र में उपलब्ध स्थानीय नदियों के माध्यम से ही पूर्ण हो पाती है । भारत में अभी भी मछलियों वाली तालाब की कमी दिखाई परती है क्योंकि जो भी मछलियों आती है यो अधिकत नदी या समुंद्र से ही आता है । और कुछ तलाबे भी है तो उसमे उतना मछलियां नही मिल पाती है जिससे वहां के लोगो के बीच पूर्ति हो सके।

लेकिन इन सबके बावजूद मछली पालन भारत की कुल सकल उत्पाद में एक अहम् भूमिका अदा करता है।

और जीडीपी में कुल कृषि उत्पादों की हिस्सेदारी में से लगभग एक चौथाई हिस्सेदारी मछली पालन की होने के कारण यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि बन गई है। एक विश्वसनीय आंकड़े की बात करें तो भारत के 60% से अधिक लोग खाने में मछली बेहद पसंद करते हैं और भारत जैसे जनाधिक्य वाले देश का 60% लगभग 78 करोड़ होता है।

भारत में लगभग 78 करोड़ लोग खाने में मछली बेहद पसंद करते हैं।  इसलिए इतनी बड़ी जनसँख्या की मछली सम्बन्धी माँग को सिर्फ नदियों, समुद्रों के माध्यम से पूर्ण कर पाना कठिन है। इसलिए इस अवसर का लाभ कोई भी भारतीय Fish Farming Business शुरू करके ले सकता है।

अगर आप भी सोच रहें है मछली पालन का एक बिज़नेस करना तो आपके दिमाग में ऐसे बहुत सारे प्रश्न आ रहे होंगे जैसे :- मछली पालन कैसे शुरू करे , मछली पालन से क्या लाभ होगा, मछली पालन के लिए तालाब, मछलियां पर प्रबंधन और देखभाल, इनकी मार्केटिंग आदि ये सारी बाते आपके दिमाग में आ रही होंगी । तो अब आपको ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है आज हम आपको बताएंगे की आप मछली पालन का बिजनस कैसे कर सकते है।

तो आइए बारी बारी से एक एक बात को जानते है:-

मछली पालन का व्यापार कैसे शुरू करें (How to Start Fish Farming. 

बहुत सारे लोगों को मछली पालन नामक यह कार्य शुरू करना एक आसान काम लगता है। लेकिन सच्चाई यह है की यह एक बेहद ही जटिल कार्य है क्योंकि इसके लिए बहुत सारे कार्य ऐसे होतेहैं। जिन्हें काफी सोच समझकर एवं गहन शोध के बाद ही शुरू करना ठीक रहता है। यहाँ पर यह स्पष्ट कर देना भी बेहद जरुरी है की Fish Farming नामक यह कार्य जटिल या कठिन तो अवश्य है।

मछली तालाब बनाना (Construct Fish Pond)

भारत में मछली पालन करने के लिए उद्यमी पहले से मौजूद तालाब को इस्तेमाल में ला सकता है या फिर कोई नए तालाब की भी संरचना कर सकता है। और उद्यमी मौसमी या स्थायी दोनों में से किसी भी तरह के तालाब में यह काम कर सकता है। मौसमी तालाब वह तालाब होता है जो वर्षा के पानी पर निर्भर होता है जबकि स्थायी तालाब किसी ऐसे पानी के स्रोत पर निर्भर करता है जिसमें वर्ष के बारह महीने पानी उपलब्ध रहता है। लेकिन ध्यान रहे मौसमी तालाबों में केवल ऐसी मछली ही पालनी चाहिए जो बड़ी तीव्र गति से बढती हों।

और इस बात का भी निरीक्षण करना चाहिए की कहीं तालाब से रिसाव तो नहीं हो रहा है। रिसाव का परीक्षण करने के लिए तालाब में पानी भरकर तीन चार दिन के लिए उसे छोड़ देन और जब लगे की तालाब से पानी कम नहीं हुआ है तो तभी उसमें मछली के बीज को डालें।

मछली की नस्ल का चयन करें (Select Fish Species)

अब बारी आती है की हमे कौन सी नस्ल की मछली पालनी चाहिए ताकि वो जल्दी से तैयार हो सके ताकि हम उसे बेच के जल्दी ही मुनाफा कमा सकें। वैसे तो सभी प्रकार के मछली पालन सही है ।नस्ल का चुनाव अनेक बातों जैसे उस एरिया एवं वातावरण में पैदा होने वाली मछली, स्थानीय मांग इत्यादि पर विचार करके करना होता है।ध्यान रहे की मछली की नस्ल का चुनाव सम्पूर्ण मछली उत्पादन एवं लाभ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ताजे पानी के तालाबों में कटला, रुई, ग्रास कार्प, सिल्वर कार्प, कॉमन कार्प, तिलपिया, कोइ, झींगा, विभिन्न प्रकार के कैटफ़िश इत्यादि का पालन किया जा सकता है।

मछलियों के लिए खाना (Feed Arrangement for Fish )

केंचुआ: केंचुआ को इंग्लिश में “earthworm” कहते है। दोस्तों केंचुए में बहोत प्रकार के अलग अलग विटामिन और प्रोटीन होते है और मछली का यह अतिप्रिय भोजन है।

पत्तियों के पत्ते: इसे इंग्लिश में “leaves” कहा जाता है। आप मछलियों को पत्तियों के पत्ते के छोटे छोटे बहोत ही बारीक़ टुकड़े करके खिला सकते है। मछिलयों को किसी भी वृक्ष की पत्तिया उखाड़के नहीं खिलानी है बल्कि हम जो सब्जिया खाते है उसके पत्ते खिला सकते है।

उबले चावल: उबले चावल को अंग्रेजी में “steamed rice” कहते है। यह भी मछलियों का फेवरिट खाना है। दोस्तों चावल में पोटेशियम तथा कैल्शियम की मात्रा रहती है जिससे मछली स्वस्थ तथा मजबूत बनती है।

मटर: इसे अंग्रेजी में “Pea” कहते है। आप मछलियों को खाने में मटर भी खिला सकते है।

आटा: दोस्तों आटा इंग्लिश में “Flour” कहते है। आप मछलियों को आटा गुथकर उसके गोल गोल गोलिया बना कर खिला सकते है। पर याद रखे की आप यह बहोत ज्यादा मात्रा में न खिलाये क्युकी इससे मछली का स्वास्थ्य भी बिगड़ सकता है। आप डायट के अनुसार ही आटे की गोलिया खिलाये।

मांसाहार: इसे इंग्लिश में “Non Veg” कहा जाता है यह सबको पता है। कई लोगो को आश्चर्य होगा पर आप मछलियों को नॉनवेज भी खिला सकते है। याद रखे नॉन वेज आप सिर्फ और सिर्फ कच्चा ही खिला खिला सकते है और उसके टुकड़े करना न भूले। भूल से भी पका हुवा या सेककर न खिलाये।

मछलियों का प्रबंधन एवं देखभाल (Care and Management of Fish Farming)

Fish Farming Business करने वाले उद्यमी को तालाब का वातावरण तो मछलियों के अनुकूल रखना ही होता है। लेकिन साथ में पौष्टिक एवं गुणवत्तायुक्त भोजन भी मछलियों को खिलाना होता है। लेकिन इन सबके अलावा मछलियों का उचित प्रबंधन एवं देखभाल भी करनी होती है। विशेषकर जब मछलियों की वृद्धि होती रहती है तो उन्हें विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है इसलिए उद्यमी को चाहिए की वह तालाब के पानी का PH लेवल नियमित तौर पर टेस्ट करे।

मार्केटिंग करें (Promote your Fish Farming) 

भारत में मछली को कहीं भी उचित दामों में आसानी से बेचा जा सकता है । और आज भ अधिकांश मछली पालन करने वे कसन अपने उत्पाद को स्थानीय बाज़ारों में ही आसानी से बेच देते हैं। लेकिन भारतीय मछलियों की अंतराष्ट्रीय बाज़ारों में भी भारी मांग है। इसलिए यदि उद्यमी चाहे तो अपने उत्पाद को बाहरी देशों की ओर निर्यात भी कर सकता है। लेकिन शुरूआती दौर में स्थानीय बाज़ारों में ही मछली बेचना बजट इत्यादि के हिसाब से उचित रहता है।

भारत में Fish Farming एक ऐसा व्यवसाय है जो शायद कभी लुप्त नहीं होगा क्योंकि जनसँख्या वृद्धि के साथ मछली की मांग भी निरंतर बढ़ी ही है। इसलिए ग्रामीण इलाकों में उद्यमिता एवं कमाई करने का यह एक बेहतरीन साधन बन सकता है।

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FAQ

मछली पालन किस सीजन में करना चाहिए?

मछली का व्यापार आप किसी भी सीजन में कर सकते हैं।

मछली पालन करते समय क्या सबसे ज्यादा जरुरी हैं?

मछली व्यापार में सबसे ज्यादा जरुरी हैं एक अच्छे तालाब की जिसमें ज्यादा से ज्यादा मछली का उत्पादन हो सके।

मछली को तालाब से वापस कब निकाले?

तालाब में जब मछली 1 से 1.5 किलों के मध्य हो जाए तब उसको तालाब में निकाल कर मार्केट में भेज सकते हैं।

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